Tonk News: 30 रुपए में फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज बनाने वाला गिरोह पकड़ा

Tonk News: टोंक जिले की पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में एक मास्टर माइंड को गिरफ्तार किया गया है जो देशभर में दो दर्जन से अधिक शाखाओं के माध्यम से हजारों फर्जी दस्तावेज उत्पन्न कर चुका है। आरोपी की पहचान नीरज कुमार मीना के रूप में हुई है, जो दूनी के खरड़ा का झोपड़ा देवीखेड़ा का निवासी है।

इस रैकेट के बारे में बात करते हुए, दूनी थानाप्रभारी हेमंत जनागल ने बताया कि नीरज कुमार मीना को उसके अपराध के साथ पकड़ा गया है, और उसके पास से लेपटॉप व आइफोन जब्त किए गए हैं। यह भी पता चला है कि नीरज का एक साथी भी है जो आधार ऑपरेटर है, जिसकी पुलिस अभी तलाश कर रही है। यह साथी दूसरे राज्य का बताया जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने इस रैकेट की जानकारी मिलने के बाद एक विशेष टीम का गठन किया, जिसने जांच की और इस मामले का खुलासा किया। रैकेट का मुख्य काम बहुत कम कीमत पर आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने के साथ-साथ फर्जी और काल्पनिक आधार कार्ड, पैन कार्ड और वाहन पंजीकरण दस्तावेज तैयार करना था। नीरज कुमार ने अपने काम को छुपाने के लिए अलग-अलग पोर्टल के नाम बदल-बदल कर काम किया।

फर्जी दस्तावेज बनाने की प्रक्रिया में नीरज कुमार मीना की भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी। वो जानकारी के साथ खेलता था और लोगों को झूठे दस्तावेज देकर उनके विश्वास को धोखा देता था। इस रैकेट के माध्यम से बनाए गए दस्तावेजों की संख्या हजारों में है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं। इन दस्तावेजों का उपयोग कई प्रकार की धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों में किया जाता था।

पुलिस ने बताया कि यह रैकेट कई सालों से चल रहा था और इसके जाल में कई लोग फंस चुके हैं। नीरज कुमार की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की है, जिसके माध्यम से वे इस रैकेट के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस का मानना है कि इस रैकेट का जाल बहुत बड़ा हो सकता है और इसकी जड़ें देश के कई राज्यों में फैली हुई हो सकती हैं।

इस तरह के मामलों से निपटने के लिए, पुलिस ने सतर्कता बढ़ाई है और लोगों को फर्जी दस्तावेजों से बचने के लिए जागरूक किया है। साथ ही, पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखने पर तुरंत सूचना दें। यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि कैसे आर्थिक लाभ के लिए फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों से सावधान रहना आवश्यक है।

इस मामले की जांच जारी है, और पुलिस की कोशिश है कि सभी जिम्मेदार लोगों को पकड़ा जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह घटना यह भी दर्शाती है कि किस तरह से टेक्नोलॉजी का उपयोग गलत हाथों में पड़ने पर समाज के लिए खतरा बन सकता है।