जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बड़ी खबर: 30 मार्च से 90 दिन तक दिन में फ्लाइट्स का संचालन बंद

जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बड़ी खबर: 30 मार्च से 90 दिन तक सुबह 9:30 से शाम 6:00 बजे तक फ्लाइट्स नहीं

जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है, जहां 30 मार्च से महत्वपूर्ण तकनीकी और मेंटेनेंस कार्य शुरू होने जा रहे हैं। इन अपग्रेड्स में रनवे की री-कारपेटिंग, नया एप्रन निर्माण और लिंक टैक्सीवे का निर्माण शामिल है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा, दक्षता और क्षमता में सुधार करना है। हालांकि, यह तीन महीने का प्रोजेक्ट अस्थायी रूप से फ्लाइट ऑपरेशंस को प्रभावित करेगा, और रोजाना सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक कोई उड़ान संचालित नहीं होगी। यात्रियों और यात्रियों को इन परिवर्तनों के बारे में जानना आवश्यक है ताकि वे अपनी यात्रा की योजना सही ढंग से बना सकें।

रनवे री-कारपेटिंग: एक बहुप्रतीक्षित सुधार

इस परियोजना का मुख्य केंद्र 3.5 किलोमीटर लंबे रनवे की री-कारपेटिंग है, जो पिछले एक दशक से लंबित था। 3,407 मीटर लंबे और 45 मीटर चौड़े इस रनवे को फिर से तैयार किया जाएगा, जिससे यह अधिक सुचारु और सुरक्षित संचालन के लिए सक्षम हो सके। रनवे की री-कारपेटिंग कुल 2.4 लाख वर्गमीटर क्षेत्र को कवर करेगी और इसका कार्य प्रतिदिन सुबह 9:30 से शाम 6:00 बजे तक चलेगा।

विमान संचालन पर न्यूनतम प्रभाव डालने के लिए प्रतिदिन केवल 50-100 मीटर रनवे पर काम किया जाएगा। हालांकि, इस प्रक्रिया के कारण लगभग 15-20% उड़ानें प्रभावित होने की संभावना है। अधिकांश घरेलू उड़ानें सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे और शाम 6:00 बजे से रात 11:00 बजे तक संचालित होती हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आमतौर पर देर रात या सुबह जल्दी आती हैं। कुछ उड़ानों को रद्द भी किया जा सकता है, हालांकि एयरलाइंस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति एयरलाइन से अवश्य जांच लें।

नया एप्रन और टैक्सीवे: हवाईअड्डे की क्षमता बढ़ाने की दिशा में कदम

रनवे सुधार के अलावा, एयरपोर्ट टर्मिनल 1 पर एक नया एप्रन भी बना रहा है, जो वर्तमान में मौजूद एएआई आवासीय कॉलोनी के स्थान पर प्रस्तावित है। इस नए एप्रन के मई के अंत या जून के पहले सप्ताह तक पूरा होने की उम्मीद है और इसे रनवे से जोड़ने के लिए एक नया लिंक टैक्सीवे भी बनाया जाएगा। इसके अलावा, विमान संचालन को और सुचारु बनाने के लिए एक छोटी सड़क का भी निर्माण किया जाएगा।

यह सुधार हवाईअड्डे की उड़ान क्षमता बढ़ाने और परिचालन दक्षता में सुधार करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं। एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम को भी अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें परिसर में लगी पुरानी हैलोजन लाइटों को ऊर्जा-कुशल एलईडी लाइटिंग से बदला जाएगा। ये अपग्रेड्स न केवल एयरपोर्ट की कार्यक्षमता में सुधार करेंगे बल्कि इसे अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने में भी मदद करेंगे।

यात्रियों के लिए सलाह: यात्रा से पहले करें सही योजना

चूंकि यह अपग्रेड फ्लाइट ऑपरेशन को प्रभावित करेगा, यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना सावधानीपूर्वक बनाने की सलाह दी जाती है। यात्रा को सुगम बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस प्रकार हैं:

  • फ्लाइट शेड्यूल की जांच करें: एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति एयरलाइन से अवश्य कन्फर्म करें, क्योंकि कुछ उड़ानों का समय बदला जा सकता है या वे रद्द हो सकती हैं।
  • री-बुकिंग विकल्प तलाशें: यदि आपकी उड़ान प्रभावित होती है, तो एयरलाइन से री-बुकिंग और रिफंड नीतियों की जानकारी लें।
  • यात्रा की तारीख में बदलाव करें: यदि संभव हो तो अपनी यात्रा की तारीख बदलने पर विचार करें ताकि संभावित असुविधा से बचा जा सके।
एक आधुनिक हवाईअड्डे की ओर कदम

जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हो रहे ये अपग्रेड्स इसकी अधोसंरचना को आधुनिक बनाने और बढ़ते यात्री भार को संभालने की क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि यह अस्थायी असुविधा यात्रियों के लिए कुछ चुनौतियाँ पेश कर सकती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह एक अधिक सुरक्षित और प्रभावी हवाईअड्डे का मार्ग प्रशस्त करेगा।

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फ्लाइट के शेड्यूल की नियमित रूप से जानकारी लेते रहें और अपनी यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं। सही तैयारी और सूचनाओं के साथ, इन बदलावों का प्रभाव कम किया जा सकता है और सभी के लिए एक सुगम यात्रा सुनिश्चित की जा सकती है। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस परिवर्तनकारी यात्रा पर आगे बढ़ते हुए अपने यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ और सेवाएँ प्रदान करने के प्रति प्रतिबद्ध है।